Article 3
.................. इस अखण्ड एकात्म भाव के प्रति समर्पित होकर हम विश्व चेतना का एक अंग बन सकेंगें । भारत का अतीत गण व्यवस्था का प्रहरी था जहाँ से निकले अँकुर डिमोक्रेसी...
View Articleगोरी न्याय व्यवस्था का मिथक
कई वयोवृद्ध लोगों को यह कहते हुये सुना जाता है कि अंग्रेजी राज्य में न्याय की व्यवस्था आज की व्यवस्था के मुकाबले में कहीं अधिक बेहतर थी । उनका कहना है कि उस...
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.........................अब आजादी के इतने वर्षों बाद ऐसा लगता है कि हमारी तरुण पीढ़ी अपना खोया हुआ स्वाभिमान वापस पा चुकी है । विश्व के हर देश में जहाँ कहीं भी भारतीय है यह देखा...
View Articleन्यायपालिका के बढ़ते कदम
अधिकाँश देशो में जनतन्त्र की शासन व्यवस्था स्थापित हो जाने के कारण अब ये माना जाने लगा है कि किसी देश का क़ानून इस उद्देश्य की पूर्ति के लिये बनना चाहिये कि सभी...
View Articleसमानान्तर कथा जाल
जर्मनी में प्रचलित जन कथा जो फेथफुल जान के नाम से जानी जाती है और दक्षिण भारत में प्रचलित राम और लक्ष्मण की पुरानी जनकथा में अद्धभुत समानता पायी जाती है । यह राम और...
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........................फेथफुल जान की तरह वफादार लक्ष्मण भी पक्षियों की भाषा का ज्ञाता है । राजकुमार और राजकुमारी रथ पर आगे जा रहे हैं । अश्वारोही लक्ष्मण रथ के कुछ पीछे आस- पास...
View Articleजनकथाओं का नीतिशास्त्र
हितोपदेश की इस कहानी से भारत के सभी शिक्षित -अशिक्षित परिचित ही होंगें क्योंकि यह कहानी बूढ़ी दादियों ,नानियों और संस्कृत के पंडितों के मुंह...
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.........................नवयुवक ने एक चाल सोची । उसने बढ़िया नक्कासी किया हुआ एक जूता तैय्यार करवाया । जूता इस कुशलता के साथ तैयार किया गया था कि उसे दायें या बायें किसी...
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..........................तीनों धूर्त शर्त के मुताबिक़ उसे अपना सरदार माननें पर मजबूर थे । सरदार होने का मतलब था कि उसे वह सब माल -टाल दिखाना होगा जो उन तीनों ने...
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............................ इस बीच गाड़ी में काले कपडे के नीचे छिपी गड्ड -मड्ड एक नर आकृति उठकर बैठ गयी और गाड़ी छोड़कर पास की झाड़ियों में जा छिपी । जाने से पहले उसने...
View Articleपरशुधर की ओर
...........................वाल्मीक रामायण में महाकवि ने परशुराम का आगमन उस समय दिखाया है जब श्री राम और सीताजी का ब्याह सम्पन्न कराकर राम अयोध्या की ओर प्रस्थान कर रहे थे...
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................................काष्ठ घर्षण से अग्नि उत्पन्न करके उन्होंने अपने समय में एक चमत्कार कर दिखया था । साथ ही उनकी पुष्ट काया और प्रज्वलित नेत्र तथा शस्त्र संचालन में उनकी...
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.......................और दर्शन करने को उनके आश्रम में आये थे । राजा जनक ने उम्र में अपने से छोटे होते हुये भी परशुधर को ब्राम्हण ऋषि के नाते प्रणाम किया । यों वे...
View ArticlePossession in fact and Posession in law
कब्जा क़ानून के अध्येता यह जानते ही हैं कि वास्तविक कब्जा और कानूनी कब्जा में काफी कुछ अन्तर होता है । वास्तविक कब्जा का अर्थ है कि किसी वस्तु और...
View ArticleKabhee Padhaa Thaa.......
कभी पढ़ा था ,ठीक याद नहीं प्रारम्भिक यौवन के किस पायदान पर जेसस क्राइस्ट ने ट्रायल की बात पढ़ी थी । सुनवायी करने वाले जज पाइलेट ने एक प्रश्न कर उसका उत्तर भी...
View ArticleTantra-The Basics Roots and Rituals................
One of the most weighty factors that establishes the supremacy of the Tantra Sastra in the modern context of life standard is its balanced approach towards Sansara...
View Articleजन्माष्टमी पूजन
चारो ओर से घनी वृक्षावलियों से घिरा अभ्यारण्य के मध्य में मानव श्रम द्वारा स्वच्छ सपाट किया हुआ एक विस्तृत मैदान । मैदान के दाहिने पार्श्व में छोटे छोटे कृषि क्षेत्र जिनमें...
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......................................कुछ वर्षों बाद दीक्षान्त समारोह हो जाने पर श्रीकृष्ण सुदामा से विदायी मांगते हुये मथुरा की ओर प्रस्थान करने से पहले कहते हुये सुने जाते...
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............................ नितान्त निर्मल आशीर्वाद भरा प्यार इन तन्दुल कणों से निःसृत हो रहा है । सुदामा देखते ही रहे । उन्हें विश्वास ही नहीं हुआ कि उनका किशोर सखा...
View Articleयुधिष्ठिर- यक्ष संवाद
नेपथ्य ध्वनि :-अंजुलि में भरा हुआ जल सरोवर में छोड़ दो । जल की बूँदें ओष्ठों से लगते ही तुम भी अपने छोटे भाइयों की तरह मृत्यु की न टूटने वाली निद्रा चादर में लपेट...
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