Article 4
मत ,जाति ,वर्ण, नस्ल ,भाषा ,खान -पान ,पहनावा ,जल -वायु ,और भूखण्डीय विभिन्नताओं के बीच भारत का जनतन्त्र लंगड़ाता -लंगड़ाता लगभग 62 वर्ष पार कर चुका है। कई बार ऐसा लगा कि यह लड़खड़ा कर गिर...
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यह उस युग की बात है जब जिसे हम आज इतिहास के नाम से जानते हैं उसका प्रारम्भ भी नहीं हुआ था। स्मृति में बहुत पहले की सहेजी महाकाब्यों में समावेशित धुंधले पुराकाल की कथायें अब स्पष्ट रूप...
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युधिष्ठिर यक्ष संवाद नेपथ्य ध्वनि :-अंजुलि में भरा हुआ जल सरोवर में छोड़ दो । जल की बूँदें ओष्ठों से लगते ही तुम भी अपने छोटे भाइयों की तरह मृत्यु...
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धर्म संकट भारत के प्राचीन महाग्रन्थों में अनेक महानायकों के जीवन में ऐसे क्षण आते रहे हैं जिन्हें धर्मसंकट...
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चारो ओर से घनी वृक्षावलियों से घिरा अभ्यारण्य के मध्य में मानव श्रम द्वारा स्वच्छ सपाट किया हुआ एक विस्तृत मैदान । मैदान के दाहिने पार्श्व में छोटे छोटे कृषि क्षेत्र जिनमें शालियों की क्यारियाँ...
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नारी समानता दिसम्बर के अन्तिम सप्ताह में हाड़ कंपानी वाली सर्दी पड़ रही थी | उस वर्ष सर्दी कुछ ज्यादा ही थी फिर दार्जलिंग तो सर्दी की कठोरता के लिये सारे बंगाल में...
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विजय ध्वज जनवरी 2017 के पहले सप्ताह में हरियाणा सिविल सर्विसेज के सफल उम्मीदवारों की सूची अखबारों में प्रकाशित हुयी | अखबार पढनें की आदत तो है ही छपे हुए नामों पर एक नजर डाल...
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धर्म संकट भारत के प्राचीन महाग्रन्थों में अनेक महानायकों के जीवन में ऐसे क्षण आते रहे हैं जिन्हें धर्मसंकट कहा जा सकता है | महाभारत में भीष्म पितामह , युधिष्ठिर , और...
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गोत्र की तलाशहर भाषा में कोई न कोई ऐसी कहावत होती है जिससे यह अर्थ निकलता है कि चीजों को उनके बाहरी रूप रंग से ही नहीं परखना चाहिये | बाहर और भीतर में रात और दिन का अन्तर हो सकता है |...
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गोरी न्याय व्यवस्था का मिथक कई वयोवृद्ध लोगों को यह कहते हुये सुना जाता है कि अंग्रेजी राज्य में न्याय की व्यवस्था आज की व्यवस्था के मुकाबले में कहीं अधिक बेहतर थी | उनका कहना...
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ताऊ की पराजय ताऊ मुरलीधर और ताई रुक्मणी देवी की भी अपनी तरह की जिन्दगी जीनें की एक निराली कहानी है | अस्सी वर्ष के मुरलीधर जी 20 वर्ष पहले बिजली महकमें से एस ० डी ० ओ ०...
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संस्कृत से दूध जलेबी तक पण्डित दीना नाथ ने संस्कृत साहित्य में डाक्टरेट की | सौभाग्य से उसी समय उ ० प्र ० के रायबरेली के फिरोजगांधी महाविद्यालय में संस्कृत प्रवक्ता की एक पोस्ट...
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पुनर्व्याख्या प्रयास नथ्थू का लड़का शंटू आखिर तीसरी बार 10 वीं की परीक्षा पास ही कर गया | नथ्थू की पत्नी शंटू की माँ गुलाबो मुहल्ले भर में घूम -घूम कर बता आयी कि...
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मांटो स्मृति एक सुबह जब मास्टर कन्हैया लाल घूम कर वापस आये तो उनके पीछे -पीछे एक देशी -विदेशी कुत्ते का पिल्ला भी घर में घुस आया | मास्टर कन्हैया लाल की पत्नी हेमलता ने उसे...
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निर्मम सत्य उमर के साथ स्मृति पर पड़ा हुआ धुधंलका गहराता जाता है | काफी पहले की बात है मैं उस समय गाँव के मिडिल स्कूल में आठवीं का विद्यार्थी रहा हूँगा | दीवाली के आस -पास...
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प्रवक्ता की नियुक्ति महानगर दिल्ली में मोटर गाड़ी से भरी सड़कें और कान सुन्न कर देने वाला घोर कोलाहल पैदल चलने वालों के लिए मानसिक यन्त्रणा का कारण बन जाता है | पर दिल्ली...
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अबूझा समाधानपपीता लेकर संकट मोचन मन्दिर के पास वाली गली से घर की ओर वापस आ रहा था | मन्दिर के पास मझोले कद के एक मजदूर से लगने वाले नवयुवक ने मास्टर जी कहकर नमस्ते किया | मैं ठीक से नहीं जानता...
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बुढ़ापे की ललकार शाम को या यों कहो शाम होने के आसार होते ही मेरा मन भ्रमण के लिये मचल उठता है | प्रातः ऊषा पूर्व घूम आने का सुख स्वास्थ्य सुधार के साथ भी जोड़ दिया गया है इसलिये...
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आप सभी को नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनायें | _______________________________________ हर प्रभात होली बन जाये | हर संध्या दीवाली || हर धमनी में...
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काल का अजगर काल का अजगरआज अर्ध रात्रि में केंचुल की परतें उतारेगानयी साज सज्जा लेनयी शक्ति संचय करहिंसा -दबोच मेंशांत मृग छौनें कोघेर बाँधतोड़ मोड़ डालेगा |आँखों में जल रहेमारक सम्मोहन सेद्रष्टि- बद्ध...
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होली उल्लास________________होली आयी होली आयीराधा लिये अबीर डोलतीछिपते फिरते कृष्ण कन्हाईहोली आयी होली आयी |गर्मी ने ललकार लगायीसर्दी डर भागी पहाड़ परदादी की हट गयी रजाईहोली आयी होली आयी |पीली ,नीली ,...
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बदलते परिवेश ( गतांक से आगे )धुँधलकों का संसार वार्धक्य की विरासत होती है ,कभी लगता है धुंधलका साफ़ हो रहा है| तो अगले ही क्षण ऐसा लगने लगता है कि विस्मृति की एक गहरी परत यादों को स्पष्ट नहीं होने...
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नागफनी लो कथा सुनाता हूँमन व्यथा सुनाता हूँआजादी के गत बावन वर्षों की कथा सुनाता हूँथा पाँच बरस का जबनेहरू जी आये थेघर को गोबर से लीप पोततब माँ नें दिये जलाये थेमैदान मदरसे का जोउसमेँ जुड़ी भीड़ फिर...
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यौवन पार से ---------------------आज यौवन पार से विश्राम ने मुझको पुकाराओ प्रमंजन ठहर सम्मुख खड़ा सीमा द्वार तेरा |तोड़ता चलता रहा तू है सभी युग -मान्यतायेंभ्रान्ति के कितनें घरौंदे तोड़कर तूने ढहायेरूढ़ि...
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इस कहानी का सम्बन्ध बिहार में मोतीहारी के नजदीक एक ग्राम मिसरौली से है | घटना वास्तविक है पर पात्रों और स्थानों के नाम बदल दिये गये हैं | इन्जीनियर श्री कान्त मिश्र से सम्बन्धित इस कहानी को उन्हीं के...
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