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गतांक से आगे -                                       ट्रेन की गति धीमी होनें लगी थी | पहिये पटरियां बदल रहे हैं | इससे यह आभाष हो रहा था कि स्टेशन आने वाला है | दस पन्द्रह मिनट का यह सानिध्य कुछ और...

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गतांक से आगे -                                                 कब आज कल बन जाता है और कैसे रात में शब्द शून्य पैरों पर चलकर कल  आज बन जाता है इसका पता ही नहीं चलता | विगत और आगत वर्तमान के ही परिवर्तित...

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गतांक से आगे -                                                    हम सब यह दंभ्भ पालते रहते हैं कि हम घटनाओं के नियामक हैं पर चल और अचल प्रकृति में जो भी घटित हो रहा है वह श्रष्टि रचना में निहित मूल...

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गतांक से आगे -                                               आत्मज्ञानी कहते हैं अपनें को जानना ही सबसे बड़ा ज्ञान है |  'अहं ब्रम्हास्मि  "में तो कुछ दंम्भ उमड़ता हुआ दिखायी पड़ता है पर ' know thy self...

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                वामन विस्तार गिल गणेश की चाह पितर से तारों -पार मिलूं मैंउदधि- वक्ष पर आन्दोलित हो काल -बन्ध को कीलूँयुलीसस को भटकन की अतृप्ति में मिली अमरतापवन -पुत्र की जन्म कामना अरुण विम्ब को लीलूँ...

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गतांक से आगे -                                      इम्तहान की पूरी थकावट और फिर पकौड़े , दही , भल्ले और गोल -गप्पे | एक दो दिन उसनें कोई दवा नहीं ली और बहाना करती रही कि वह बिल्कुल ठीक है | तीसरे दिन...

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गतांक से आगे -                                               उर्वशी -पुरुखा , मेनका  ,विश्वामित्र ,आख्यानों की श्रंखला में रूप जीवा नारियाँ प्रणव को जीवन भर का बोझ नहीं बनातीं | ऐसी ही आख्याकिकायें...

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गतांक से आगे -                                             कम्पनी से संम्बन्धित कुछ मामलों पर मैनें उन विभाग  अधिकारियों से बात की और फिर उन्हें विदा किया | मैनें चपरासी को कह दिया था कि ज्यों ही साहब...

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गतांक से आगे -                                             महान तान्त्रिक अघोर पाद कहा करते थे कि सच्चा साधक जाग्रति और सुसुप्त दोनों के  बीच की अवस्था में रहकर दिव्य अनुभूतियों का अन्तर सुख सहेज सकता...

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गतांक से आगे -                                              अरे यह  क्या ? यह फिर से नीचे तैर कर आता हुआ पैराशूट क्या मुझे ऊपर ले जानें के लिये आया है | 65  वर्ष पहले की यह घटनायें फिर धुंधली हो रही...

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गतांक से आगे -                                             अब हुआ ऐसा कि मैं न केवल अध्यापन की द्रष्टि से बल्कि लम्बे समय तक कालेज प्रवक्ता संघ का प्रधान होनें के कारण अपना एक विशिष्ट स्थान बना चुका था...

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गतांक से आगे -                                        ब्रेक फास्ट लेनें के पहले ही डा. राकेश का फोन आ गया | बोले आपकी बहन सौदामिनी जी आपसे बात करना चाहती हैं लीजिये , और उन्होंने फोन सौदामिनी जी को दे...

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गतांक से आगे -                              शरत बाबू के उपन्यास 'शेषेर प्रश्न 'की कमल गतिमयता को ही जीवन सार्थकता मानती है | तीव्र से तीव्रतर , तीव्रतर से तीव्रतम , और फिर अनस्तित्व की ओर परिणाम...

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गतांक से आगे -                                        तो अब सुनन्दा ,प्रियम्बदा साथ साथ रेडियो स्टेशन से हँसती खिलखिलाती निकला करेंगीं और राकेश उनके बीच क्या एक प्रहरी का काम करेगा ऐसा ही कुछ  मैनें...

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गतांक से आगे-My dearest daughter,पत्र पढ़कर एक लम्बे समय तक न जानें कहाँ खोया रहा | अपनें को खो देनें की यह प्रक्रिया शायद 10 -15  मिनट ही रही हो पर जब मैं चेतनता के सहज स्तर पर आया तब मुझे लगा कि मैं...

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गतांक से आगे -                                जीवन मनुष्य को प्रकृति द्वारा या प्रकृति नियन्ता द्वारा दिया गया सबसे बड़ा वरदान है | पर अनेक बार ऐसा देखा गया है  कि उच्च प्रतिभा के धनी नर -नारी भी जीनें...

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गतांक से आगे -                                          मैं जिस क्षेत्र में शिक्षा जगत से संम्बन्धित रहा हूँ उसमें राठी सरनेम अधिकतर या तो किसान वर्ग से संम्बन्धित है या फिर श्रमिक वर्ग से जुड़ा है |...

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गतांक से आगे -                                           डा. शकुन्तला सिंगला नें तर्क को आगे बढ़ाते हुये कहा ,"युग बदल गया है |  अब इस धरती को अधिक नर -नारियों की आवश्यकता नहीं है | जब मानव को अपनें...

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                      प्रौढ़ि की समाप्ति और वार्धक्य की शुरुआत के बीच एक अगोचर विभाजक रेखा प्रकृति की शाश्वत नियम तालिका में खींच दी गयी है | स्वस्थ रहनें के सारे प्रयासों की बावजूद ऋतु परिवर्तन की...

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गतांक से आगे -                                      यौवन का उफान जब अपनें जोश पर होता है तब तट की सीमायें ढह जाती हैं | पुराकाल में संयमन की प्रचुर संम्भावनायें थीं क्योंकि इन्द्रिय आकर्षण और वंचक...

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