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विश्व के कई प्रख्यात भाषा विद अपनें शोध के माध्यम से इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं कि म्यूजिक की मौलिक रागात्मता भाषा की उत्पत्ति के पहले से ही मानव और वनमानुषों के...
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सांध्य - बेला ----------------- एक वर्ष चल गया किसी का दुख न बांटा | दीप्ति काल टल गया व्याप्त नीरव सन्नाटा ||एक कदम उठ गया मौत की मंजिल पानें |एक लहर उठ चली काल की प्यास...
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आप पूछ सकते हैं -और यह पूछना सर्वथा उचित ही होगा -हिन्दी में निकल रही न जानें कितनी पत्रिकाओं और प्रसारिकाओं के बावजूद 'माटी 'के प्रकाशन की क्या...
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2018 में भारत की स्वतन्त्रता के 70 वर्ष पूरे होनें जा रहे हैं | मनुष्य के जीवन के 70 वर्ष उसे बुढ़ापे की दहलीज में ढकेल देते हैं | किसी राष्ट्र के लिये भी 70 वर्षों में समृद्धि...
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नव विकासवादी विचारक यह मान कर चलते हैं कि आकार का विस्तार पाकर जीवन्त प्राणीं अपनी आन्तरिक प्रवृत्तियों में परिवर्तन के दौर से गुजरनें लगते हैं | सीधे शब्दों में इसका अर्थ यह...
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संसार के सभी राष्ट्र आज इस सत्य को स्वीकार करनें पर विवश हो गये हैं कि एशिया महाद्वीप में यदि कोई देश सच्चे अर्थों में जनतन्त्र कहा जा सकता है तो वह भारत है | किसी भी क्षेत्र...
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यह एक सर्वविदित तथ्य है कि विजय हमें गर्व से भर देती है और पराजय हमें आँखें नीची करनें के लिये बाध्य कर देती है | इसीलिये तो योगिराज विराटेश्वर नें गीता में फलाफल से मुक्त रहकर निष्काम...
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ईसा से सैकड़ों वर्ष पहले यूनान में एथेन्स की सड़कों पर नंगे पाँव घूमनें वाले शासन द्वारा उपेक्षित साधन रहित दार्शनिक के शब्दों में एक ऐसा जादू था जिसनें एथेन्स के अधिकाँश युवा वर्ग को...
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'आपको सपरिवार नव वर्ष 2018 की बहुत- बहुत हार्दिक शुभ कामनायें | '"हर प्रभात होली बन जाये हर संध्या दीवाली हर धमनी में मुखर हो उठे शुद्ध रक्त की लाली | "
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फ्रांस के किसी दार्शनिक लेखक नें भारत की औपनिषदिक विशेषताओं का उल्लेख करते हुये एक मनोरंजक कहानी का हवाला दिया है | वह लिखता है कि उसे काशी का एक चिन्तन शील ब्राम्हण मिला | जिसनें बातों...
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(Changing Environmen. By Prof. V. N . Awasthi ) ( हिन्दी रूपान्तरण - बदलते परिवेश )---------------------------------------------------------------------------------------------------------...
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(गतांक से आगे ) रात्रि विश्राम से पहले राकेश की माँ नें मुझे बताया कि यूथ फैस्टिवल में विश्वविद्यालय की ओर से मोहन राकेश का लिखा हुआ 'आषाढ़ का एक दिन 'नाटक रंग मंच...
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( गतांक से आगे ) बालक ही रहा हूँगा जब बापू की पुकार पर भारत छोड़ो आन्दोलन क्विट इण्डिया अपनी ऊँचाइयाँ छू रहा था | नुक्कड़ों , चौराहों ,बाजारों और पेंड़ के नीचे...
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( गतांक से आगे ) पिछले वर्ष जब मैं 26 जनवरी को एन ० सी ० सी ० परेड से Best Turn out का इनाम लेकर लौटी थी तब मैनें तुम्हें बताया था कि मनोज यादव जो मेरठ कालेज...
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( गतांक से आगे ) सोने जाने से पहले अपर्णा नें मुझे बता दिया था कि ऊषा आंटी का फोन आया था | उन्होंने सुबह ठीक सात बजे तैय्यार रहने को कहा है | मैनें उससे पीताम्बर...
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(गतांक से आगे ) दक्षिण भारत भ्रमण पर निकली नताशा नें अपनें मोहक व्यक्तित्व से मेरे साथ चल रहे सभी तरुण विद्यार्थियों का मन मोह...
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(गतांक से आगे ) एलोरा की गुफाओं में घूमते समय पथरीले मार्गों के किसी एकान्त कोनें पर नताशा द्वारा कहा हुआ वाक्य...
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(गतांक से आगे ) तो चलूँ बचपन की ओर ,मातृ शक्ति की तलाश में जो क्षीण हो रही जीवन ऊर्जा को स्फुरित कर नया आवेग दे सके | पर मातृ शक्ति भी तो मूलतः नारी शक्ति ही है...
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(गतांक से आगे ) लम्बी यात्रा के दौरान पिछले विश्राम स्थल मुड़कर देखनें पर स्पष्ट नजर नहीं आते | धुन्धलके से घिरी वस्तुयें और घटनायें रहस्यमयी लगनें लगती हैं पर बीते...
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गतांक से आगे कितनें अवसरों पर कितनें मंचों पर और कितनें वैविध्यपूर्ण कार्य क्षेत्रों में मुझे सहभागिता का सुअवसर मिल पाया है इसकी आधी अधूरी खोज...
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