Quantcast
Channel: a( matihindimasikblogspot.com)
Viewing all articles
Browse latest Browse all 715

Article 3

$
0
0
 जनकथाओं का नीतिशास्त्र (गतांक से आगे )

                   जिस दिन तिकड़ी कुछ नया करने की बात कहकर वहाँ से चली गयी थी उसी रात एक गरीब दिखने वाला जंगली आदमी सरदारी का खिताब जीतने वाले नवयुवक के पास आया वह कैसे और कहाँ से आया कोई नहीं जानता और वह क्या बात करके चुपचाप वापस चला गया यह भी कोई नहीं जानता। अगले दिन शिफील्ड के उस जंगली रास्ते पर पसीने से लदबद एक अधेड़ मजदूर अपने हांथों से दोपहियों की एक गाड़ी खींच रहा था थक कर वह पेंड़ की छाया में विश्राम करने के लिये लेट गया और उसे नींद आ गया ।  या कौन जाने वह दिन में भी सोने का बहाना किये पड़ा रहा। शाम हो गयी ,अन्धेरा घना होने लगा दो पहियों वाली उस गाड़ी में काले कपड़े से छिपे गाड़ी के धरातल पर क्या छिपा पड़ा है इसे किसने देखा है। तिकड़ी उस रास्ते में गाडी की तलाश कर ही रही थी। अधेड़ गाड़ीवान सो ही रहा था । एक ने गाड़ी आगे से सम्भाली। दोनों नें पीछे से धक्का दिया। गाड़ी में पर्दे के नीचे कोई वस्तु हिली -डुली पर अन्धेरे में कौन देखता। अड्डे से कुछ पहले गाड़ी खड़ी कर दी गयी। तिकड़ी और रात हो जाने का इन्तजार करने लगी। ताकि चुपके से खजाने को निकाला जा सके। और शर्त जीते धूर्त राज नवयुवक को पता न चले। इस बीच गाड़ी में काले कपड़े के नीचे छिपी गड्ड -मड्ड एक नर आकृति उठ कर बैठ गयी और गाड़ी छोड़कर पास की झाड़ियों में जा छिपी। जाने से पहले उसने काले कपड़े को पहले की तरह ही ऊँचा उठाकर जैसा का  तैसा कर दिया। आधी रात के बाद तिकड़ी नें खजाना बाहर निकाला। तीन बैगों में सोना ,चांदी ,हीरे -जवाहरात भर लिये गय।  तिकड़ी को विश्वास  था कि बाजी जीता सरदार नवयुवक लता -गुल्मों से ढकी झोपड़ी में सोया पड़ा है।  उन्होंने  छोटे -छोटे पत्थर फेंककर यह सुनिश्चित कर लिया था कि कहीं कोई हलचल नहीं है। अब किसको पता था कि बाजी जीता नवयुवक कहीं दूर झाड़ियों में काले परदे के नीचे से निकली मानव काया के साथ छिपा बैठा था। तिकड़ी नें बैलों की रस्सी खोली। सोचा दो बैल आगे जुत जायेंगे एक पीछे बाँध देंगे। अपनी अपनी पीठ पर चमक भरा बैग लादे वे गाड़ी तक जा पहुँचे।उन्होंने बैलों को जोत दिया। दो आगे और एक पीछे। गाड़ी रास्ते पर आगे बढी पर कुछ ही देर बाद एक ऐसे मोड़ पर पहुची जहाँ से एक रास्ता किसान की झोपड़ी की ओर जाता था और दूसरा घने जंगल की ओर। तिकड़ी घने जंगल में ही खजाना छिपाने का नया अड्डा खोज आयी थी। मोड़ के पास की झाड़ी से ही एक आवाज आयी और उसके साथ एक सन्देश भी किडी ,बिडी मेरे पीछे -पीछे आ जाओ । सिडी भी साथ में ही चलता रहेगा। अब बैल थे कि किसान के झोपड़ी के रास्ते पर चल निकले। तिकड़ी नें बहुत कोशिश की कि गाड़ी को मोड़ दें पर जब  बैल अपने पर आ जायँ तो उनकी शारीरिक ताकत का मुकाबला चोर -उचक्कों के वश की बात नहीं रहती। कुछ जद्दोजहद के बाद तिकड़ी के तीनो सदस्य उतर कर जंगल की ओर भागे  पर पास की झाड़ियों से कई ललकार भरी आवाजें आयीं। खबरदार हम शेरिफ माइकेल हेनरिच के सिपाही हैं। तुम्हारे ऊपर ३२  मुकदमें दर्ज हैं भागने की कोशिश की तो बोटी -बोटी काट दी जायेगी। तिकड़ी के तीनों नामी ग्रामी या बदनाम जंगली लुटेरे हक्का -बक्का से रह गये। सिपाहियों नें उन्हें घेरकर रस्सियों से उनके हाँथ पैर बांध दिये। अभी थोड़ा समय ही बीता था कि गाड़ी बैलों के साथ लौटती दिखाई पडी। किसान गाड़ी हाक रहा था और यह दूसरा कौन है जो गाड़ी में बैठा है? अरे यह तो सरदारी का अधिकार पा जाने वाला धूर्तराज नवयुवक है। गाड़ी में बैठा क्या कर रहा है ,गाड़ी से उतारते ही सिपाहियों नें एक साथ उसे सल्यूट मारा। सार्जेन्ट मेनलस नें आगे बढ़कर कहा हजूर आपका मिशन पूरा हो गया अब शेरिफ माइकेल हेनरिच के जंगली इलाके शेफील्ड में कोई भी रास्ता सर्वथा सुरक्षित है। पाठक जान ही  गये  होंगे कि सरदारी का खिताब जीतने वाला यह नवयुवक स्वयं अपने इलाके का शेरिफ माइकेल हेनरिच था। किसान को न केवल तीनों बैल मिले बल्कि खजाने का एक छोटा भाग उसे इनाम में भी मिला ताकि वह खेती करके अपने को सम्पन्न बनाये और उसी कमायी से चमकदार कसीदा कढ़े हुये जूतों का एक जोड़ा खरीद सके। एक यूनानी कहानी जिसका ताना -बाना लगभग इसी कहानी जैसा ही है किसी अगले अंक में स्थान पा सकेगी। 

Viewing all articles
Browse latest Browse all 715

Trending Articles



<script src="https://jsc.adskeeper.com/r/s/rssing.com.1596347.js" async> </script>